यदि कोई बेटा अपने माता-पिता की देखभाल व सेवा नहीं करता है तो तहसील में एसडीएम से शिकायत की जाए। शुक्रवार को बैठक में डीएम आशुतोष निरंजन ने उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली 2014 पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया है। कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान डीएम ने बताया कि चारों तहसीलों में सुलह अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। सभी एसडीएम को निर्देश दिया कि सुलह अधिकारियों के कार्यालय में कंप्यूटर एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं। कहा कि माता-पिता की देखभाल संबंधी शिकायत की एसडीएम सुनवाई करेंगे। निर्णय लेने से पहले सुलह अधिकारी को समझौता के लिए भेज सकते हैं। यदि समझौता नहीं हो पाता है तो एसडीएम निर्णय सुनाएंगे और इसका पालन करना बाध्यकारी होगा।
डीएम ने बताया कि माता-पिता का भरण-पोषण एवं देखभाल न करने वाले पुत्र को तीन माह की जेल तथा उसकी आर्थिक स्थिति के अनुसार 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। बैठक का संचालन समाज कल्याण अधिकारी रामनगीना यादव ने किया। इसमें एडीएम रमेश चन्द्र, उप जिलाधिकारी श्रीप्रकाश शुक्ल, आसाराम वर्मा, सुलह अधिकारी/अधिवक्ता जगदीश चन्द्र लाल श्रीवास्तव, मारूत कुमार शुक्ला, श्याम लाल, बदीउज्जमा, किसान सेवा संस्थान के अतुल कुमार शुक्ल, प्रबंधक वृद्धा आश्रम एके मणि त्रिपाठी उपस्थित रहे।
बेटा अपने माता-पिता की देखभाल व सेवा नहीं करता ,एसडीएम से करें शिकायत